बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व है

बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व है- कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार


इटावा।उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के एमबीबीएस 2016 बैच के स्टूडेन्ट्स द्वारा मेडिकल कालेज परिसर में बसंत पंचमी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभी बैच द्वारा मिलकर आकर्षक रंगोली बनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने माॅ सरस्वती की विधिवत् पूजा-अर्चना कर शुरू की। 
     इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक संकायाध्यक्ष डा0 राजेश कुमार वर्मा, संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण प्रकोष्ठ डा0 आलोक कुमार दीक्षित, चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा चीफ वार्डन डा0 एनपी सिंह सभी विभागो के विभागध्यक्ष, फैकेल्टी मेम्बर तथा स्टूडेन्ट्स ने भाग लिया। इस दौरान मेडिकल स्टूडेन्ट्स द्वारा बनायी गयी आकर्षक रंगोली की कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार के साथ सभी उपस्थित अतिथियों ने प्रशंसा की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने कहा कि बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व है। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी के दिन विद्या एवं संगीत की देवी माॅ सरस्वती की उपासना की जाती है। इसीलिए यह दिन कला एवं संगीत की देवी माॅ सरस्वती को समर्पित होता है। उन्होंने कहा कि इस दिन को मुख्य रूप से बसंत यानि नई फसलों पर फूल आने के दिन के रूप में भी मनाया जाता है।
कार्यवाहक संकायाध्यक्ष डा0 राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि बसंत पंचमी को प्राचीनकाल से ज्ञान एवं कला की देवी माॅ सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण प्रकोष्ठ डा0 आलोक कुमार दीक्षित ने बताया कि शिक्षा एवं शिक्षण से जुडे लगभग अधिकांश लोग आज के दिन माॅ शारदे की पूजा करके उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करने के साथ उनका आशीर्वाद लेते हैं।