डा सुनील कुमार ने कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया

*सैफई चिकित्सा विश्वविद्यायल में कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण*


*सैफई चिकित्सा विश्वविद्यायल में विश्व स्तरीय सेवायें*


इटावा। सैफई स्थित चिकित्सा विश्वविद्यायल नित नये आयाम तय कर रहा है। लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रति लोगों का विश्वास लगातार बढ़ा है। जिला चंदौली निवासी सुमित्रा देवी उम्र 60 वर्ष कई वर्षो से गठिया रोग से ग्रसित थीं, जिससे उनके शरीर के सारे जोडों में दर्द था। धीरे-धीरे उनके घुटने व कूल्हे खराब हो गये और वह चलने-फिरने में असमर्थ होती गयी। दो वर्ष पूर्व उन्होंने दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण कराया। कुछ ही दिनों में कूल्हों में दर्द की वजह से चलने-फिरने में असमर्थता की वजह से वह पुनः विस्तर पर रहने को मजूबर हो गयी। जिसके लिए उन्हें बनारस स्थित बीएचयू के मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। किन्तु लगातार बिगड़ती शारीरिक स्थिति की वजह से वहाॅ उन्हें कूल्हा प्रत्यारोपण हेतु मना कर दिया गया। अन्य अस्पतालों में भी दिखया गया। किन्तु सभी जगहों पर उन्हें निराशा ही हासिल हुई। मरीज के पुत्र डा0 संजय कुमार ने सैफई स्थित विश्वविद्यालय के हड्डी रोग विभाग में डा0 सुनील कुमार से सम्पर्क किया और आश्वासन के बाद सैफई हास्पिटल में भर्ती कराया। गहन जाॅचों में पाया गया कि मरीज के दोनों कूल्हे पूरी तरह से गल चुके थे और मरीज को श्वास सम्बन्धी जटीलता भी है। चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार और मेडिसिन विभाग के प्रयास से मरीज की हालत में लगातार सुधार होता गया और 10 दिनों बाद उनका एक-एक कर दोनों कूल्हों का प्रत्यारोपण किया गया। मरीज अब विस्तर पर न रहकर चल-फिर सकता है*
 
*मरीज के पुत्र डा0 संजय कुमार ने कहा कि सुविधा और व्यवस्था जैसे दिल्ली के बड़े अस्पतालों में बड़ी कीमत चुकाने के बाद मिलती है वह सभी चीजें और व्यवस्था हमें सैफई अस्पताल में निःशुल्क अथवा कम कीमत में उपलब्ध हैं। उन्होंने विश्वस्तरीय चिकित्सा सैफई में मिलने पर काफी खुशी जाहिर की और चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार एवं आप्रेशन करने वाले आर्थो विभाग के प्रोफेसर डा0 सुनील कुमार एवं उनकी पूरी टीम के प्रति आभार जताया है*


*कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के हड्डी रोग विभाग में स्थापित कूल्हा एवं घुटना प्रत्यारोपण केन्द्र में काफी समय से प्रदेश व निकटवर्ती राज्यों के मरीज निःशुल्क या बहुत ही कम खर्चे में सफल इलाज करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी गरीब मरीजों का हड्डी सम्बन्धित बीमारियों का विश्वस्तरीय सफल आप्रेशन विश्वविद्यायल में हो रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में निर्माणाधीन 500 बेडेड् सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल अपने निर्माण के अंतिम चरण में है। यह प्रदेश के सबसे सस्ते एवं उत्तम इलाज देने वाले सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में से एक होगा जहाॅ पर कैंसर, हृदय रोग, किडनी व न्यूरो से सम्बन्धित गंभीर रोगों का विश्वस्तरीय इलाज निःशुल्क या बहुत ही कम खर्चे में संभव हो सकेगा*


*विश्वविद्यायल के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार, प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, संकाय अध्यक्ष डा0 आलोक कुमार, ने चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार एवं आप्रेशन करने वाले आर्थों सर्जन डा0 सुनील कुमार एवं उनकी टीम के सदस्य डा0 राजकुमार, डा0 प्रशान्त प्रताप सिंह, डा0 हरीश कुमार एवं ऐनेस्थिसिया से डा0 जय यादव एवं डा0 अतित गुप्ता को बधाई दी एवं सुमित्रा देवी के अद्भुत स्वास्थय लाभ पर हर्ष जताया*